लोकसभा चुनाव की अभी तारीख तय नहीं हुई है। मगर पार्टियों का चुनाव अभियान जोरशोर से चल रहा है। सभी दल अपनी जीत को लेकर आश्वस्त से दिख रहे हैं या ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। वोटर अच्छी सरकार तो चाहते हैं मगर वोट डालते समय याद रहता है सिर्फ धर्म, जाति और क्षेत्र। याद रहता है कौन सा प्रत्याशी किसके छोटे छोटे काम करा सकता है। कौन उसके सुख -दुख में हाजिरी लगाने आएगा। कौन बनवा देगा राशन कार्ड, कौन दिला देगा ठेके।
हमारी सभी चैनलों दलों और संस्थाओं से यह अपील है कि लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करें कि वे अपराधी और अराजक प्रत्याशियों का विरोध करें। धनबल और बाहुबल को रोेकें।
चैनलों से अपील है कि वे ऐसे आयोजन करें कि राहुल, मोदी एके समेत बड़े नेता सीधे लाइव बहस में शामिल हों और रखें देश को आगे ले जाने के तरीके। स्पष्ट करें नीतियां। लोग दलों के नेताओं से सीधे पूछ सकें कि आपकी पार्टी में कैसे अपराधी शामिल होकर संसद तक पहुंच रहे हैं। जो नेता उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं उन्हें क्यों नहीं रोकते। भ्रष्टाचारी क्या कर रहे हैैं आपके दल में।
ऐसे आयोजन एक दो नहीं दर्जनों होंगे तो शायद नेताओं को आए शर्म या लगे उन्हें कि हमें भी जवाब देना पड़ सकता है।
हमारी सभी चैनलों दलों और संस्थाओं से यह अपील है कि लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करें कि वे अपराधी और अराजक प्रत्याशियों का विरोध करें। धनबल और बाहुबल को रोेकें।
चैनलों से अपील है कि वे ऐसे आयोजन करें कि राहुल, मोदी एके समेत बड़े नेता सीधे लाइव बहस में शामिल हों और रखें देश को आगे ले जाने के तरीके। स्पष्ट करें नीतियां। लोग दलों के नेताओं से सीधे पूछ सकें कि आपकी पार्टी में कैसे अपराधी शामिल होकर संसद तक पहुंच रहे हैं। जो नेता उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं उन्हें क्यों नहीं रोकते। भ्रष्टाचारी क्या कर रहे हैैं आपके दल में।
ऐसे आयोजन एक दो नहीं दर्जनों होंगे तो शायद नेताओं को आए शर्म या लगे उन्हें कि हमें भी जवाब देना पड़ सकता है।
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