बहुत कठिन है डगर पनघट की

www.hamarivani.com शुरू हो गई है चुनाव चहल पहल। अमेठी में आप के नेता और कवि कुमार विश्वास को वहां की जनता सिखा रही है राजनीति की एबीसीडी। यहां कुमार विश्वास की कविता खुद उन्हीं पर फिट बैठ रही है। कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है। विश्वास जी टीवी पर बोलना, मंचों पर वाहवाही बटोरना और गांव की गलियों में लोगों से मुद्दे की बात करना बहुत कठिन है। इधर मुंबई में एनसीपी वालों आप कार्यालय पर बवाल काट दिया।
दिल्ली में जो किया है आप की सरकार ने वह भी पीछा छोड़ने वाला नहीं है। कोई बिजली का बिल लिए घूम रहा है तो किसी को पानी माफिया फिर सताने लगे हैं। हर कदम पर मुसीबत हैं।
अब तो आप भी मान ही गए होगे कि बहुत कठिन है डगर पनघट की।

सोमवार, 3 मार्च 2014

क्या क्या करे कोर्ट

भड़काऊ भाषण देते रहो नेता जी। कोर्ट नहीं रोकेगी लेकिन याद रखना पहले सब भूल जाने वाली जनता अब सब याद रखती है। शायद तभी कांग्रेस चार राज्यों से गायब हो गई। कोई बात नहीं मोदी जी बदल दें देश का इतिहास। कोई बात नहीं कांग्रेसी खिला दें लोगों को पांच रुपये में भर पेट खाना। न बताओ कैसे किया है अंबानी से समझौता। क्यों सारे दिन पसीना बहाने वाले कर्मचारी बच्चों की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहे। किसान को अपनी उपज का पैसा क्यों नहीं मिल रहा जबकि रेलों मे सफर न करने के बाद भी किराया सरकार जब्त कर ले रही है।


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